Brahma kumaris Mehsana
શિવ અવતરણ થી સ્વર્ણિમ ભારત
ચાલો… ચાલો… આધ્યાત્મિક મેળાની મુલાકાતે
બ્રહ્માકુમારીઝ મહેસાણા ઉપક્ષેત્રની સ્વર્ણ જયંતિ અંતર્ગત આધ્યાત્મિક મેળો..
‘શિવ અવતરણથી સ્વર્ણિમ ભારત’
તારીખ: 13 થી 26 ફેબ્રુઆરી, 2023
સમય: દરરોજ સવારે 10 થી રાત્રે 09.00 વાગ્યા સુધી
સ્થાન: કાશી વિશ્વનાથ મંદિરની સામે, રાધનપુર રોડ, મહેસાણા
સૌજન્ય : સિલીકોન ડેવલપર્સ , T- 301 “s” ક્યૂબ કોમલેક્સ , રાધનપુર રોડ , મહેસાણા , મો – ૯૮૨૪૦૮૫૨૨૩
પરમાત્માનું દિવ્ય અવતરણ:
આપને જણાવતાં અતિ હર્ષ થાય છે કે લાખો-કરોડો માનવ આત્માઓની પુકારને સાંભળીને સર્વના કલ્યાણકારી પરમાત્મા ધરા પર આવી ચૂકેલ છે. જેની યાદગાર મહાશિવરાત્રીનું પાવન પર્વ આપણે ધામ-ધૂમથી ઉજવીએ છીએ. એ સનાતન ઈશ્વરીય સત્ય છે કે ભાગ્યશાળી ભારતભૂમિમાં સર્વશક્તિવાન પરમાત્માનું દિવ્ય અવતરણ થઈ ગયેલ છે! અને માનવને દેવતુલ્ય અને પતિત દુનિયાને પાવન બનાવવાનું પરમ કર્તવ્ય કરી રહેલ છે.
પરમાત્માનો સત્ય પરિચય:
પરમાત્મા નિરાકાર જ્યોતિર્બિંદુ સ્વરૂપ છે. દેવોના દેવ સર્વ ધર્મ સ્થાપકના પણ પરમપિતા છે. દુનિયાના દરેક ધર્મમાં નિરાકાર જ્યોતિ સ્વરૂપ પરમાત્માની કોઈ રૂપે યાદગાર છે. પિતા પરમાત્મા સર્વના દુ:ખહર્તા-સુખકર્તા છે. પ્રેમ, આનંદ, શાંતિ, સુખ, જ્ઞાન અને પવિત્રતાના સાગર છે, તેઓ સર્વશક્તિવાન છે. પરલોક, પરમધામના નિવાસી સ્વયંભૂ છે. સર્વ માનવ આત્માઓના પરમપિતા, પરમશિક્ષક તથા પરમ સદ્ગુરૂ છે. આવો, એ પિતાને જાણીએ અને તેઓ પાસેથી સદાકાળના સુખ, શાંતિને જીવનમાં પ્રાપ્ત કરીએ.
સ્વર્ણિમ ભારત:
આપણે ભારતની મહિમામાં ગાઈએ છીએ કે જહાં ડાલ-ડાલ પર સોને કી ચિડિયા કરતી હૈ બસેરા વો ભારત દેશ હૈ મેરા. એવા સ્વર્ણિમ ભારતની સ્થાપના, નવયુગ રચયિતા પરપિતા શિવ પરમાત્મા કરી રહ્યા છે. તો ચાલો એ પિતા પાસેથી સ્વર્ગનો જન્મ સિધ્ધ અધિકાર મેળવીએ.
સમયનું મહત્વ:
સમય ખૂબજ તીવ્ર ગતિથી પરિવર્તન થઈ રહેલ છે. કોઈ પણ ઘડી આપના જીવનનો અંતિમ શ્વાસ બની શકે છે. આ ઈશ્વરીય સંદેશ જાણીને આપના અને પરિવારના કલ્યાણ માટે મિત્ર મંડળ સહિત શિવ અવતરણથી સ્વર્ણિમ ભારત મેળાની મુલાકાત અવશ્ય લેશો. જ્યાં આપને મળશે…
પ્રભુ મિલનનો પરમ આનંદ…
તનાવ મુક્ત જીવનની વિધિ…
મનનું સાચું સુખ અને શાંતિ…
ઉત્તર ગુજરાત ની ધરતી … જ્યાં ધર્મ, આદ્યાત્મ,સ્થાપત્ય કાળનો સંગમ છે. સ્વર્ણિમ ભારતની સ્થાપન ના આદિ પિતા બ્રહ્માની ખેડબ્રહ્મા અને જગત જનની જગદંબાની અંબાજીમાં યાદગાર આવેલી છે. આવી પવન ધરતીના ઇતિહાસ ડેરીમાં ૧૯૭૩ માં સ્વર્ણિમ પાનું જોડાયું જ્યારે પરમાત્મા ધ્વારા આપેલ ઈશ્વરીય જ્ઞાન નું બીજ મહેસાણામાં રોપાયું ત્યાગી, તપાસવી બ્રહ્મકુમારી બહેનોએ આધ્યાત્મિકતા ધ્વારા દિવ્ય ચેતનાનો સંચાર કર્યો અને આજે વિશાળ વટવૃક્ષણ રૂપમાં આ વર્ષે ઉજવી રહ્યું છે .. સ્વર્ણ જયંતી મહોત્સવ માં
Brahma kumaris Mehsana
Rajyoga Thought Lab Training

महेसाना के गॉडली पैलेस में दो दिवसीय राजयोगा थॉट लेब ट्रेनिंग का हुआ आयोजन
महेसाना सब ज़ोन की 75 ब्रह्माकुमारी बहनों ने प्राप्त किया एडवान्स राजयोग कोर्स जो अनेक व्यक्तियों को राजयोग द्वारा करेंगी मूल्यों से सशक्त।
ब्रह्माकुमारीज़ के शिक्षा प्रभाग द्वारा दिनांक 10-11 मई 2025 हर रोज सुबह 09.00 से शाम 07.30 तक आयोजित इस ट्रेनिंग के उद्घाटन सत्र में विशेष अतिथि प्रकाश भाई पटेल, चेयरमैन, सांकलचंद पटेल यूनिवर्सिटी, विसनगर ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए वर्तमान समय यूनिवर्सिटी के छात्रों के स्ट्रेस को दूर करने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ के थॉट लेब को अपने युनिवर्सिटी कैम्पस में प्रारंभ करने के लिए आमंत्रित किया। आपने कहा “यह समय की मांग भी है। NEP 2020 में Indian Knowledge System (भारतीय ज्ञान परंपरा) में ब्रह्माकुमारीज़ के मूल्य शिक्षा को स्थान देना चाहिए।”
ब्रह्माकुमारीज़ महेसाना के गॉडली पैलेस में आयोजित इस ट्रेनिंग में पधारे अतिथि योगेश भाई पटेल, चेयरमैन, आर. जे. इंटरनेशनल स्कूल, महेसाना ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा “यह मूल्य और आध्यात्मिक शिक्षा सभी शिक्षा संस्थानों में होनी चाहिए। वर्तमान समय सभी छात्र तनावयुक्त है इसलिए उनको मानसिक स्वस्थ बनाने के लिए यह जरूरी है।”
कार्यक्रम के प्रेरक महेसाना के आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरला दीदी ने आशीर्वचन देते हुए कहा “शिक्षा प्रभाग की ओर से अविरत कई प्रोजेक्ट पर कार्य हो रहा है। आज थोट लेब की ट्रेनिंग महेसाना में आयोजित की गई है। यहाँ प्रकाश भाई ने अपनी यूनिवर्सिटी में थॉट लेब खोलने का प्रस्ताव रखा है। यह ट्रेनिंग कार्यक्रम की फलश्रुति है।”
राजयोगा थॉट लेब की कोऑर्डिनेटर बी.के. सुप्रिया बहन ने ट्रेनिंग का लक्ष्य और उद्देश्य बताया। कार्यक्रम के प्रारंभ में ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा पुष्प गुच्छ से सभी का स्वागत किया गया। महेसाना की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन ने सभी का दिल के उद्गार के साथ शब्दों से स्वागत किया। एज्युकेशन विंग की कार्यकारी सदस्य एवं अहमदाबाद विवेकानंद कॉलेज ऑफ आर्ट्स की प्राचार्य ब्रह्माकुमारी ममता बहन ने सुचारू रूप से मंच संचालन किया।
शुभारंभ के बाद दो दिन तक राजयोगा थॉट लेब के फैकल्टी बी.के. मुकेश भाई, जयपुर, बी.के. सुप्रिया बहन, माउंट आबू, बी.के. चित्रा बहन, जयपुर ने सभी का उमंग उत्साह के साथ प्रेक्टिल सेशन के साथ ट्रेनिंग दी। ट्रेनिंग के बाद बहनों ने इसका महत्व समझते हुए बहुत अच्छे-अच्छे अनुभव साझा किये।
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Russian artists showed Indian Golden Culture through their art on Shivaratri Program

राजयोगी रशियन कलाकारों ने अपनी कला द्वारा कराये भारतीय स्वर्णिम संस्कृति के दर्शन
महेसाना में रशिया के ‘डिवाइन लाइट’ आर्ट एण्ड कल्चर ग्रुप के पवित्र एवं राजयोगी कलाकारों ने शिवरात्रि के पावन पर्व पर महेसाना के टाउन हॉल में अपनी कला के माध्यम से परमात्मा शिव का सत्य परिचय देकर स्वर्णिम संस्कृति के दर्शन के साथ उपस्थित श्रोता गण को एक आनंद की सुखद अनुभूति कराई।
ब्रह्माकुमारीज़ महेसाना द्वारा इस शिवरात्रि पर आयोजित ‘शिव दर्शन से स्वर्णिम संस्कृति’ कार्यक्रम में रशियन कलाकारों ने अपनी कला की प्रस्तुति देते हुए बताया कि न सुंदरता, न धन, न शिक्त, न विज्ञान – समाज की कोई भी शक्ति सतयुग नहीं ला सकती लेकिन मनुष्य का पवित्र मन, दिव्य बुद्धि, सुनहरे संस्कार ही स्वर्ग ला सकता है। परमपिता परमात्मा शिव के द्वारा सीखाये जा रहे राजयोग के माध्यम से ही यह तीनों प्राप्त कर सकते है और स्वर्णिम संस्कृति का निर्माण कर सकते है।
महेसाना के विधायक माननीय मुकेश भाई पटेल ने कहा “भारतीय संस्कृति को पूरे विश्व ने स्वीकार किया है। समाज को श्रेष्ठ बनाने के लिए, अच्छे संस्कार का सिंचन करने के लिए रशिया के कलाकारों द्वारा भारतीय संस्कृति का प्रचार करना यह एक गर्व की बात है।”
कार्यक्रम के आयोजक एवं ब्रह्माकुमारीज़ महेसाना की प्रभारी आदरणीय बी.के. सरला दीदी ने बताया “यह कलाकार कला का प्रदर्शन करने नहीं लेकिन हमारी प्राचीन संस्कृति को उजागर करने आये हैं। हम उस संस्कृति – कला द्वारा अपने मन को प्रभु पिता में लगायें – कला द्वारा प्रभु मिलन की अनुभूति करें।”
रशिया सेंट पीटर्सबर्ग की प्रभारी एवं इस गृप की लीडर आदरणीय संतोष दीदी ने कहा “सतुयग की परिभाषा है कि पवित्रता, सुख, शांति और समृद्धि संपन्न हरेक व्यक्ति हो। आज हम ऐसे सतयुग का अनुभव करें यही सच्ची शिव जयंती है। हमारा जीवन गुणों से भरा हुआ हो, मधुबन पर्सनालिटी हो तब हमारे से दिव्य गुणों की खुशबू फैलेगी।”
कार्यक्रम के अतिथियों के साथ विभिन्न धर्मों के मुखिया परम पूज्य प्रवीण राम महाराज निराज आचार्य श्रीमद् भागवत कथाकार, परम पूज्य ऋषि महाराज, अर्बुदा धाम, बासणा, मौलाना मुर्तज़ा भाइ नज़ार भाई – मुस्लिम धर्म, फादर सलवादोर – ईसाई धर्म, गुलशनसिंह – शीख धर्म, एस.एम. रावल – गायत्री परिवार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में महेसाना के विभिन्न क्षेत्र के प्रतिष्ठित महानुभाव सहित सैकड़ों लोगों ने लाभ लिया।
रचना बहन एवं ग्रुप की कुमारियों ने सुंदर स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। इस कार्यक्रम के पूर्व महेसाना के सुबह गोडली पैलेस में परमात्मा शिव का झंडा फहरा कर शिवरात्रि मनाई गई। कार्यक्रम के अगले दिन कल्चर ग्रुप के कलाकारों के महेसाना में आगमन पर वर्ल्ड फेम दूध सागर डेयरी के अधिकारियों ने भव्य स्वागत किया और उनके साथ वार्तालाप भी किया।
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6th anniversary of Divya Bhaskar daily newspaper celebrated at Godly Palace in Mehsana

“आज मनुष्य के पास हर प्रकार की समझ है, फिर भी वह गिर रहा है। इसके पीछे मूल कारण यह भूलना है कि मैं कौन हूं। जो वह नहीं है, उसे उसने स्वीकार कर लिया है। इससे जीवन में भय, अवसाद, निराशा पैदा होती है और इसके कारण समाज में नकारात्मकता और घृणा की भावनाएँ बढ़ी हैं।”
उक्त बातें आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरला दीदी जी ने ब्रह्माकुमारीज के गोडली पैलेस में दिव्य भास्कर दैनिक समाचार पत्र की 16वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ‘सकारात्मक जीवन शैली’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने आगे कहा, “सत्य को जानें और सत्य का स्वीकार कर, यह जानना होगा कि मैं चैतन्य शक्ति हूं। चैतन्य शक्ति अजर, अमर, अविनाशी आत्मा है। अगर आप तनाव से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आपको दो काम करने होंगे। एक तो बुरी परिस्थितियों में आत्मविश्वास विकसित करना होगा और दूसरा राजयोग का अध्ययन करना होगा। स्वयं को बदलने से दुनिया बदल जाती है। राजयोग के अभ्यास से मनोबल बढ़ता है। जो किसी भी परिस्थिति का सामना करने का साहस प्रदान करता है।” इस अवसर पर नरनारायण देव अंतर्गत स्वामीनारायण मंदिर के श्री अखंड स्वरूपदासजी स्वामी और एस.जी. महंत श्री नारायण प्रसाद दासजी महाराज ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करायी.
एक्सोटिका स्कूल, मेहसाणा के निदेशक एवं प्रेरक वक्ता रजनीकांतभाई पटेल ने साइबर धोखाधड़ी पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा, “साइबर धोखाधड़ी इन दिनों तनाव का एक प्रमुख कारण बन रही है। भय, लालच और आलस्य साइबर धोखाधड़ी के मुख्य कारण हैं। जो मन दान करने से पहले हजार बार सोचता है, वह धोखाधड़ी का शिकार होने के बारे में एक पल के लिए भी नहीं सोचता। जितना आप दान देने के बारे में सोचते हैं, धोखाधड़ी का शिकार होने से पहले सोचें। यदि आप धोखाधड़ी का शिकार होते हैं तो तुरन्त ही सहायता नंबर 1930 पर संपर्क करते हैं, तो आप काफी हद तक धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
मेहसाणा के भव्य दूरदर्शी वक्ता महर्षिभाई हिंगू ने कहा, “हम शांति शब्द का अर्थ भूल गए हैं क्योंकि हमने काम और जीवन के बीच संतुलन खो दिया है। कोई पूछता है तो हम कहते हैं शांति है. लेकिन क्या सचमुच जीवन में शांति है? शांति की परिभाषा बदल गई है. आज हम भौतिक सुख को ही शांति समझते हैं। ॐ के जाप से ही सच्ची शांति है। यदि आप जीवन में शांति चाहते हैं तो सभी कार्यों के बारे में सोच-विचार कर योजना बनाकर कोई भी कार्य करेंगे तो आपको सच्ची शांति मिलेगी।”
सकारात्मक दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए, लेखक और प्रेरक वक्ता नीलेशभाई पटेल ने कहा, “हम अपने विचारों से उतने दुखी नहीं होते जितना दूसरों के विचारों से होते हैं। इस धारणा को बदलना होगा. हमें इस बात की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है कि दूसरा व्यक्ति क्या कर रहा है, किस तरह का जीवन जी रहा है। इसके बजाय हमें जो हमारे पास है उसमें खुशी के बारे में सोचना चाहिए।”
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन ने कहा, “हर कोई जीवन में प्रगति करना चाहता है। लेकिन समाज में आगे बढ़ने में दिक्कतें आती हैं. जिसके कारण अक्सर काम में असफलता मिलती है। तब बुरे विचार आते हैं और भय, अवसाद पैदा करते हैं। सकारात्मक जीवन जीना, सकारात्मक विचार लाना इस समय रामबाण इलाज है। जो व्यक्ति कठिनाइयों को स्वीकार कर आगे बढ़ता है उसे सफलता मिलती है। बुरी स्थिति में खुद को समझाएं कि यह समय भी गुजर जाएगा। ”
राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी वर्षा बहन ने सकारात्मक जीवन शैली के बारे में बताते हुए कहा, ”घर में सब कुछ सेट है लेकिन मन अपसेट है उसका कारण नकारात्मक विचार हैं। सुबह उठते ही अपने विचारों को बदलना शुरू कर दें। अगर आप अच्छे विचारों से खुश रहेंगे तो आपके आस-पास के लोग भी खुश रहेंगे। जो विचार ख़ुशी देता है, ज्ञान बढ़ाता है वह सकारात्मक विचार है और जो विचार डर पैदा करता है वह नकारात्मक विचार है।”
इस प्रकार अनेक सकारात्मक एवं समाजोपयोगी सन्देश लोगों तक पहुँचाने के शुभ लक्ष्य के साथ दिव्य भास्कर की टीम ने आध्यात्मिक वातावरण
में दिव्य आत्माओं के सानिध्य में दिव्य भास्कर का 16वाँ वार्षिकोत्सव मनाकर समाज में एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। मेहसाणा शहर के करीब 100 नागरिक इसके गवाह बने।
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